Latest 135+ Khamoshi Shayari in Hindi 2025

Khamoshi Shayari वो शायरी है जो बिना शब्दों के भी हमारे दिल की बात कह देती है। कभी-कभी खामोशी में भी इतनी ताकत होती है कि वो हमारी सारी भावनाओं को व्यक्त कर दे। चाहे आप अकेले हों, किसी से नाराज हों, या बस थोड़ा सुकून चाहते हों, Khamoshi Shayari in Hindi आपके लिए एक ऐसा जरिया है जो आपके मन की बात बयां कर देती है।
Khamoshi Shayari
ख़ामोशीयाँ यूं ही बेवजह नहीं होतीं,
कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करतें हैं !
गौर से सुनेगा तो एक शोर सुनाई देगा
खामोश जुबां से कुछ और सुनाई देगा !!
तेरा चुप रहना, मेरे ज़हन में क्या बैठ गया
इतनी आवाज़ें तुझे दीं, कि गला बैठ गया !!
ख़ामोशी से जब तुम भर जाओगे
चीख लेना थोडा वरना मर जाओगे !!
अब तो मेरी ख़ामोशी ही मेरी पहचान है,
जो दिल में था, वो अब एक दास्तान है।
ख़ामोशी ओढ़ ली हमने इस कदर,
कि अब तू भी लौटे तो मोहब्बत नहीं होगी।
सवाल बहुत थे मगर लफ़्ज़ नहीं थे,
ख़ामोश थे हम पर जज़्बात वही थे।
तेरी खामोशी, अगर तेरी मजबूरी है
तो रहने दे, इश्क कौन सा जरूरी है !!
Khamoshi Gulzar Shayari
खामोशी से अच्छी कोई सजा नहीं होती,
और शब्दों से गहरी कोई चोट नहीं होती।
जो खामोशी को पढ़ ले, वही अपना होता है,
वरना लफ़्ज़ तो अजनबी भी सुन लिया करते हैं।
जो बातें अधूरी रह जाती हैं,
वो खामोशियों में पूरी होती हैं।
खामोशियों में ही सच्ची मोहब्बत रहती है,
शब्द तो अक्सर मतलब के हुआ करते हैं।
जब भी कोई खामोश रहता है,
समझ लेना उसके अंदर कई तूफान हैं।
खामोशियों में भी एक साज होता है,
जो सुन सके, उसके लिए राज़ होता है।
खामोशी की भी एक ज़ुबान होती है,
हर दर्द की अपनी पहचान होती है।
Khamoshi Akelapan Shayari in Hindi
इस कदर अकेला पड़ गया हूं
जैसे गुनाहों का अवार्ड मुझे ही मिला हो..!!
वो है ख़ामोश तो यूँ लगता है
हम से रब रूठ गया हो जैसे !!
ख़ामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें।
बहुत अलग सा है मेरे इश्क़ का हाल
तेरी एक ख़ामोशी और मेरे लाखों सवाल !!
तू खुश है अपनी जिंदगी में
मैं खुश हूं अपनी खामोशी में !
अकेलापन मेरी तक़दीर बन गया,
तेरी यादों ने मेरी ज़ुबां छीन ली।
Waqt Khamoshi Shayari
वक़्त की मार ने हमें ख़ामोश कर दिया,
जो बोलते थे खुलकर, अब चुपचाप सहते हैं।
वक़्त के साथ सब बदलते गए,
हम भी बदले, पर ख़ामोश हो गए।
वक़्त गुज़र गया, पर इंतज़ार वहीं ठहरा है,
ख़ामोश आँखों में अब भी तेरा चेहरा है।
वक़्त ने सिखाया कैसे सब बदल जाते हैं,
जो अपने थे, वही सबसे पहले छोड़ जाते हैं।
कभी वक़्त बदलता था लोगों के साथ,
अब लोग बदलते हैं वक़्त के साथ।
वक़्त गुज़रता गया, लोग बदलते गए,
हम ख़ामोश रहे और ज़ख्म पलते गए।
वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना
कोई छीन नहीं सकता, जो तेरे नसीब में है पाना !!
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Rishte Khamoshi Shayari
मतलब के रिश्ते खामोश कर जाते हैं,
जो कभी अपने थे, वो पराए कर जाते हैं।
खामोशी मेरी अब चीखती है,
जब मतलब के रिश्ते करीब दिखते हैं।
खामोशी जब रिश्तों पर हावी हो जाए,
समझ लेना कहीं ना कहीं प्यार खो गया है।
रिश्ते खामोशी से भी टूट जाते हैं,
और खामोशी से ही बनते भी हैं।
बोलने से जब अपने रूठ जाए
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं !!
रिश्तों में अगर खामोशी बढ़ जाए,
तो समझ लेना कहीं ना कहीं दर्द छुपा है।
Khamoshi Udas Shayari
दिल की किताब को अब बंद कर दिया,
ख़ामोशी को अपना हमदर्द कर लिया।
जो नहीं समझे मेरी खामोश तन्हाई,
उनसे दिल के रिश्ते को भी कम कर लिया।
ख़ामोशी मेरी अब मेरी जुबान बन गई,
किसी की यादें मेरी पहचान बन गई।
जो बयां नहीं किया, वो ही दर्द था,
जो सह लिया, वो मेरी शान बन गई।
ख़ामोश चेहरा, उदास निगाहें,
दिल के जख्म अब भी ताज़ा हैं।
वक्त ने सब कुछ बदल दिया,
मगर जुदाई के लम्हे अब भी सजा हैं।
जब भी किसी से दिल लगाया,
ख़ामोशी का ही तोहफा पाया।
लोग आते रहे, चले जाते रहे,
हमने हर दर्द को बस मुस्कुरा के निभाया।
कभी-कभी ख़ामोशी ही बेहतर होती है,
क्योंकि हर दर्द को लफ्ज़ नहीं मिलते।
हमारी ख़ामोशी को लोग ग़लत समझ बैठे,
कोई ग़लतफहमी दूर करने नहीं आया।
Khamoshi Shayari in Hindi
ख़ामोश रहना अब आदत बन गई,
ज़िन्दगी भी अब इक इबादत बन गई।
ख़ामोश रातों में हम रोते रहे,
लोग समझे कि हम सोते रहे।
ख़ामोश रहते हैं, मगर टूटे नहीं,
दर्द सहते हैं, मगर रूठे नहीं।
ख़ामोशी की चादर ओढ़े बैठे हैं,
दर्द की बारिश में भीगे बैठे हैं।
जब कोई बाहर से खामोश होता है
तो अंदर बहुत ज्यादा शोर होता है !!
Khamoshi Sukoon Shayari
शोर-ए-दुनिया से अब जी घबराता है,
खामोशी का सुकून दिल भाता है।
कुछ बातें खामोशी कह देती हैं,
जो लफ़्ज़ भी कभी नहीं कह पाते।
खामोशी का भी अपना ही मज़ा है,
जहाँ दुनिया का शोर नहीं, बस सुकून बसा है।
अब भीड़ से हटकर जीने लगे हैं,
खामोशी में ही सुकून मिलने लगे हैं।
शोर से दूर, खामोशी के करीब,
यही सुकून देता है मुझे अजीब।
खामोशी में भी सुकून पाया है,
शोर मचाने से बस दर्द ही आया है।
Heart Touching Khamoshi Shayari
ख़ामोशियों का दर्द महसूस कर,
हर मुस्कान के पीछे ग़म तलाश कर।
कभी जो बोले बिना सब समझ सके,
बस वही सच्चे अपने तलाश कर।
जिसे देख कर दिल धड़कता था कभी,
आज उसी के सामने ख़ामोश बैठे हैं।
ख़ामोशी में छुपा लिया हमने हर एहसास,
अब ना कोई दर्द, ना कोई शिकवा बकवास।
कभी सोचा था कि खुलकर हँसेंगे,
पर ज़िन्दगी ने हमें ख़ामोश रहना सिखा दिया।
लफ़्ज़ों में वो आग कहाँ जो दिल जलाए,
ख़ामोशी ही हर दर्द को बयान कर जाए।
ख़ामोशी में भी दर्द की सदा होती है,
दिल रोता है, पर आवाज़ नहीं होती।
2 Line Khamoshi Shayari
उसे बेचैन कर जाऊंगा मैं भी
ख़ामोशी से गुजर जाऊंगा मैं भी !!
ये जो खामोश से अल्फ़ाज़ लिखे हैं ना मैने…
कभी पढ़ना ध्यान से, चीखते कमाल हैं
मेरे लफ्ज़ों को ख़ामोश ही रहने दो,
ये बोल पड़े तो बात बढ़ जाएगी।
लोग कहते हैं कि वो बड़ा सयाना है
उन्हें क्या पता, खामोशी से उसका रिश्ता पुराना है !!
तूने पूछा नहीं, हमने बताया नहीं,
ख़ामोश मोहब्बत का अंजाम यही होता है।
लोगों की परवाह नहीं, तेरी ख़ामोशी का डर है
तू ही मेरी दुनिया है, तू ही मेरा घर है !!
Khamoshi Akele Shayari
जो लफ्ज़ कह नहीं पाए,
वो आँसू बनकर बह गए।
ख़ामोशी की दीवार ऐसी बनी,
कि अपने भी बेगाने रह गए।
कभी शोर था मेरी बातों में,
आज ख़ामोशी का घर बन गया हूँ।
जो लोग दिल में बसाए थे कभी,
आज उन्हीं के बिना अधूरा रह गया हूँ।
अकेलेपन का दस्तूर ही ऐसा है,
जो एक बार आता है, फिर जाता नहीं।
ख़ामोशी की आड़ में दर्द छुपा लेता है,
पर अंदर से ये कभी मिटता नहीं।
ना कोई अपना, ना कोई सहारा,
बस अकेलापन है और ख़ामोशी का किनारा।
जो कभी साथ चलने की कसम खाते थे,
आज उन्हीं ने हमें अधूरा छोड़ा दोबारा।
अकेलेपन की आग में जल रहे हैं,
ख़ामोश हैं मगर रोज़ मर रहे हैं।
ख़ामोशी ने मुझे ऐसा गले लगाया,
अकेलेपन ने हर रिश्ता भुला दिया।
जो कभी मेरे सबसे करीब थे,
आज उन्होंने ही दूरियों का सबक सिखा दिया।
Khamoshi Sabar Shayari
सब्र भी किया, खामोश भी रहे,
फिर भी लोग बेवफा कह गए।
जिनके लिए खुद को मिटा दिया,
वही हमें तन्हा कर गए।
सब्र और ख़ामोशी एक जैसे हैं,
जो समझ ले, वो अपने जैसे हैं।
नफ़रत करने वाले हार जाएंगे,
पर सब्र वाले मुक़द्दर से जीत जाएंगे।
कभी सब्र, कभी खामोशी, यही सहारा है,
ज़िन्दगी का बस यही इक इशारा है।
जो सह गया, वो जीत गया,
जो बोल पड़ा, वो हारा है।
सब्र इतना रखा कि आंसू भी थम गए,
ख़ामोशी ओढ़ ली कि लफ्ज़ भी जम गए।
लोग सोचते हैं हम पत्थर हो गए,
पर हकीकत में हम बस ग़म सह गए।
ख़ामोशी को मेरी कमजोरी मत समझ,
ये सब्र की गहरी कहानी है।
जो टूटकर भी मुस्कुरा दे,
उसकी हर खामोशी बेमिसाल निशानी है।
ख़ामोश निगाहों में उलझा हुआ सवाल हूँ,
दर्द सहकर भी खड़ा इक मिसाल हूँ।
टूटकर भी जुड़ा हूँ खुद से इस तरह,
कि हर ख़ामोशी में छुपा इक बवाल हूँ।
Conclusion
खामोशी भी एक भाषा है, और Khamoshi Shayari in Hindi इस भाषा को शब्दों में ढाल देती है। हम आशा करते हैं कि ये शायरी आपके दिल को छू जाएगी। अगर आपको इनमें से कोई भी Khamoshi Shayari पसंद आई हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और हमें कमेंट में बताएं कि कौन सी शायरी सबसे ज्यादा हिट हुई!