Latest 147+ Desh Bhakti Shayari in Hindi 2025

Desh Bhakti Shayari हमारे दिलों में देश के प्रति प्यार और सम्मान की भावना को जगाती है। चाहे आप Army Desh Bhakti Shayari खोज रहे हों, 15 August Desh Bhakti Shayari पढ़ना चाहते हों, या फिर छोटी-छोटी 2 Line Desh Bhakti Shayari ढूंढ रहे हों, ये पंक्तियाँ आपके भीतर देशभक्ति की एक नई लहर जगा देंगी। thesadshayari.com पर हम आपके लिए ऐसी ही खास शायरी लेकर आए हैं, जिसे आप अपने दोस्तों, परिवार और सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं।
Desh Bhakti Shayari
जनाब दिलों में हौसले का तेज
और ज़ुबां पर तूफान लिये फिरते हैं
देशभक्ति के जुनून में हम
अपनी शान लिये फिरते हैं..!!
“वतन की मोहब्बत में, खुद को तपाए बैठे हैं,
मरेंगे वतन के लिए, शर्त मौत से लगाए बैठे हैं।”
जो फूल था कभी, अब अंगारा हो गया,
ये दुश्मन तेरे खातिर, गर्म लहू हमारा हो गया है!
भारत मां, तेरी रक्षा के खातिर अपने प्राण लुटाएंगे
आएगा जो दुश्मन सामने, मिट्टी में उसको मिलाएंगे।
भारत के ऐ सपूतो हिम्मत दिखाए जाओ
दुनिया के दिल पे अपना सिक्का बिठाए जाओ
खून से खेलेंगे होली अगर वतन मुश्किल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है..!!
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं !!
Army Desh Bhakti Shayari
दुनिया में महकता हुआ चमन चाहता हूँ
शांति, उन्नति से भरा गगन चाहता हूँ
जान जाए इसके खातिर कोई गम नहीं
बाद मरने के बस तिरंगा कफन चाहता हूँ।
देश के लिए मर मिटना कुबूल है हमें,
अखंड भारत के सपने का जुनून है हमें!
छोड़ कर अपने सपनों को, सरहद पर जवानी लुटाई है
मातृभूमि तेरे रखवालों ने, कितनी गोलियां सीने पर खाई हैं।
पगली तेरी याद तो बहुत आती है
मगर वतन की मोहब्बत में दम ज़्यादा है..!!
लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज़ आएगा
मेरे लहू का हर एक कतरा इंक़लाब लाएगा !
Shair“हमारे यहाँ जवान मरते नहीं हैं,
या तो वो विजय होते हैं या फिर अमर होते हैं।”
चीर के बहा दूं लहू दुश्मन के सीने का,
यही तो मजा है फौजी होकर जीने का !
15 August Desh Bhakti Shayari
जब आँख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो
जब आँख बंद हो तो यादें हिन्दुस्तान की हो
हम मर भी जाए तो कोई गम नहीं लेकिन
मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो..
मेरा लहू काफी है इस चमन के लिए
हम जाँ भी लुटा दें वतन के लिए
दिल अगर रखते हैं दोस्तों के लिए
तो खंजर भी रखते हैं दुश्मन के लिए।
आओ झुक कर सलाम करें उनको,
जिनकी तकदीर में ये मुकाम आता है।
खुश नसीब होते हैं वो लोग,
जिनका लहू वतन के काम आता है।
जय हो तुम्हें, मा भारती हमारी
हम तुम्हारे नन्हे से लाल हैं
आजीवन करेंगे रक्षा तुम्हारी
तेरी आन-बान-शान का जो सवाल है।
जिंदगी जब तुझको समझा
मौत फिर क्या चीज है
ऐ वतन तू ही बता
तुझसे बड़ी क्या चीज है..!!
इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान
अँधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान
Desh Bhakti Shayari 2 Line
आन देश की, शान देश की, देश के हम संतान हैं,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी यही पहचान है !
दिलों में हुब्ब-ए-वतन है अगर तो एक रहो
निखारना ये चमन है अगर तो एक रहो
“मैं इसका हनुमान हूँ, ये देश मेरा राम है,
चीर के देख लो सीना मेरा, इसमें हिंदुस्तान है!”
देश तेरी आन के खातिर, कितनों ने गोली खाई है
धन्य है वह वीर जवान, जिसने अमर निशानी पाई है।
न पूछो ज़माने को क्या हमारी कहानी है
हमारी पहचान तो सिर्फ ये है कि हम सिर्फ हिंदुस्तानी हैं..!!
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा नहीं सकते
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका नहीं सकते
Desh Bhakti Shayari in Hindi
लड़ें वो वीर जवानों की तरह
ठंडा खून फ़ौलाद हुआ
मरते-मरते भी कईं मार गिराए
तभी तो देश आज़ाद हुआ !
हम पहरेदार हैं इसके, हम इसके रखवाले हैं
प्यारे वतन के खातिर हम जाँ भी लुटाने वाले हैं
इसकी हमको हर एक बात निराली लगती है
सौ जीवन कुर्बान हैं इसपर, हम ऐसे मतवाले हैं।
मुझे ना तन चाहिए ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक ज़िंदा रहूं इस मातृ भूमि के लिए
और जब मरूं तो तिरंगा कफन चाहिए..!!
सरहदों पर खड़े उन वीरों को सलाम है,
जिनके हौसलों से ये देश अभिमान है।
जिनकी हर सांस में है वतन का ख्याल,
ऐसे सपूतों पर हमें गर्व हजारों बार है।
दाबोगे अगर और उभर आएगा भारत,
हर वार पर कुछ और निखर जाएगा भारत,
दस-बीस जाहिलों को ग़लतफ़हमी हुई है,
दो-चार धमाकों से ही डर जाएगा भारत!
देश मेरे, तु कितना है महान
दुश्मन दूर से करते हैं तुझे सलाम।
Dard Desh Bhakti Shayari
इस देश की मिट्टी के कर्ज़दार हैं हम
जान को लुटाने के हक़दार हैं हम
हमसे हमारी हसरत न पूछे कोई
मिट कर भी निभाएंगे, वफ़ादार हैं हम।
आज़ादी की कभी शाम ना होने देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम ना होने देंगे
बची है जो एक भी बूंद लहू की तब तक
भारत का आँचल नीलाम ना होने देंगे..!!
जो देश के लिए शहीद हुए,
उनको मेरा सलाम है,
अपने खून से जिस ज़मीं को सींचा,
उन बहादुरों को सलाम है!
गुमनाम बहुत हैं आज भी वतन पर जान देने वाले
कुछ लोग वतन को कोस कर मशहूर हुए जा रहे हैं..!!
चूमा था वीरों ने फांसी का फंदा
यूँ ही नहीं मिली थी आज़ादी खैरात में..!!
कहाँ हैं आज वो शम-ए-वतन के परवाने
बने हैं आज हक़ीक़त उन्हीं के अफ़्साने
Shayari Desh Bhakti
जाँ से प्यार वतन है हमारा
हम तो इसके पहरेदार रहेंगे
सौ जनम भी लुटा दें इसके लिए
तब भी हम इसके कर्ज़दार रहेंगे।
“सीमा पर जो डटे हैं, वो मेरे भाई हैं,
जो तिरंगे को सजाते हैं, वो सच्चे सिपाही हैं,
हम चैन से सोते हैं घर में अपने,
क्योंकि सरहद पर जवान अभी भी जग रहे भाई हैं।”
“इसका हमें अफसोस है कि अपने देश को देने के लिए,
हमारे पास केवल एक ही जीवन है।”
तिरंगे तेरी आन, बान और शान को रखेंगे बरकरार,
झुकने नहीं देंगे तुझको, चाहे कर देंगे कुर्बानी हजार।
दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान है
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक तुझ में जान है !
वतन की ख़ाक ज़रा एड़ियाँ रगड़ने दे
मुझे यक़ीन है पानी यहीं से निकलेगा
Desh Bhakti 26 January Shayari
हमें नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
लहराएंगे ये तिरंगा,
नशा ये भारत माँ की शान का है !!
न पूछो हमारी पहचान, हम तो भारत के दीवाने हैं,
दिल में देशभक्ति और माथे पर तिरंगे का निशान लिए चलते हैं।
मर मिटेंगे इस मिट्टी पर हम फक्र से,
ये देश हमारा है और हम इसके दीवाने हैं।
हम हैं देश के सच्चे प्रेमी, देश से सच्चा प्रेम निभाएंगे,
इसी प्रेम और भाव के खातिर हम भी भारतीय कहलाएंगे।
भूख, ग़रीबी, लाचारी को इस धरती से आज मिटाएँ
भारत के भारतवासी को उसके सब अधिकार दिलाएँ
आओ सब मिलकर नए रूप में गणतंत्र मनाएँ..!!
बलिदानों के खातिर हमने खुद को पाला है
यही तमन्ना गूँज रही है जबसे होश संभाला है
है वतन हमारा दिल में बसता, इसकी शान निराली है
आंच न कोई क्या आएगी, जब हम जैसा रखवाला है
जो अब तक ना खौला वो खून नहीं पानी है
जो देश के काम ना आए वो बेकार जवानी है !
Desh Bhakti Republic Day Shayari
आतंकवाद को अपने देश से मिटाना है,
और देश को फिर से विश्वगुरु बनाना है..!!
न पूछो ज़माने से क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान सिर्फ ये है कि हम हिन्दुस्तानी हैं !
अनेकता में एकता ही इस देश की शान है,
इसीलिए तो मेरा भारत महान है !
देश के लिए मर मिटना कुबूल है हमें
अखंड भारत के सपने का जुनून है हमें।।
अनेकता में एकता ही इस देश की शान है
इसीलिए मेरा भारत महान है !
वतन के जाँ-निसार हैं वतन के काम आएँगे
हम इस ज़मीं को एक रोज़ आसमाँ बनाएँगे
Conclusion
Desh Bhakti Shayari हमारे दिल में देश के प्रति प्यार और सम्मान की भावना को जगाती है। Army Desh Bhakti Shayari, 15 August Desh Bhakti Shayari और 2 Line Desh Bhakti Shayari की ये पंक्तियाँ आपके दिल को छू जाएंगी। आप भी अपनी पसंदीदा शायरी हमारे साथ शेयर करें और देशभक्ति की इस भावना को और आगे बढ़ाएं।